LIC Policy Close | भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) भारतीयों का पसंदीदा बीमा निगम है। इस निगम से लाखों भारतीयों ने अपना जीवन बीमा लिया है।
जबकि निजी कंपनियों के पास कई आकर्षक योजनाएं हैं, फिर भी ये भारतीय एलआईसी में निवेश करना पसंद करते हैं। बहुत से लोग एलआईसी पॉलिसी शुरू करते हैं।
पॉलिसी कुछ दिनों, वर्षों तक जारी रहती है। लेकिन कुछ कारणों से वे इस पॉलिसी को सुचारू रूप से जारी नहीं रख पाते हैं, उनमे कई बाधाये आती है, इंस्टालमेंट समय पे भर नहीं पाते है।
बीमा कंपनी के कर्मचारी सही जानकारी नहीं देते, अगर बीमा शुरू भी करना चाहे तो सही जानकारी समय पे नहीं मिलती, ऐसे में कई लोगों को बाद में राशि का भुगतान करना असंभव लगता है।
ऐसी अनेक अपूर्ण व अर्धकालिक पॉलिसी धारको कि संख्या लाखो में हैं। लेकीन पॉलिसीधारक (Policyholder) को पॉलिसी सरेंडर करने कि जानकारी न होने के कारण लाखो लोगो के करोडो रुपये डूब जाते है।
लेकिन अगर कोई इस पॉलिसी को रद्द करना चाहता है और पूरी राशि प्राप्त करना चाहता है, तो उसके लिए नियम हैं। अगर इन नियमो का अनुपालन करते हुये पॉलिसी सरेंडर करने पर पॉलिसी में जमा धनराशी वापस मिल सकती है।
यदि उन नियमों का पालन किया जाता है, तो बीमा धारक को उसकी निवेशित राशि वापस मिल जाती है। पॉलिसी सरेंडर करते समय एलआईसी के नियमों के अनुसार सरेंडर वैल्यू देखी जाती है।
अगर आप एलआईसी पॉलिसी रद्द करना चाहते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए है। एलआईसी पॉलिसी को बंद करते समय पॉलिसीधारक को इन नियमों के बारे में पता होना चाहिए।
पॉलिसी को सरेंडर कैसे करें?
आप पॉलिसी को कैसे सरेंडर कर सकते हैं? यह सवाल कई बीमा धारकों द्वारा पूछा जाता है। आइए पहले इसका उत्तर ढूंढते हैं। पॉलिसी को कैसे सरेंडर करे इस सवाल का जवाब बहुत हि आसान है।
एलआईसी पॉलिसी शुरू करते समय एजेंट आपको पहला नियम बताता है कि आप एलआईसी पॉलिसी को कम से कम 3 साल बाद ही सरेंडर कर सकते हैं।
इसका मतलब है कि यदि आप पॉलिसी शुरू करने के तुरंत बाद पॉलिसी बंद कर देते हैं, तो राशि डूब जानेवाले खाते में जमा हो जाती है। क्योंकि पॉलिसी को कम से कम 3 साल के लिए निवेश करना होता है।
यदि आप इससे पहले पॉलिसी बंद कर देते हैं, तो जमा की गई राशि वापस नहीं होती है। इसलिए पॉलिसी निकालते समय तीन साल के प्रावधान को ध्यान में रखें।
नियमों के अनुसार, यदि आप एलआईसी पॉलिसी को सरेंडर करते हैं, तो आपको निवेश मूल्य या सरेंडर मूल्य मिलेगा। पॉलिसी बंद होने के बाद, उसके मूल्य के बराबर राशि वापस कर दी जाती है।
इसलिए इसे सरेंडर वैल्यू कहा जाता है। अगर एलआईसी प्रीमियम का भुगतान तीन साल के लिए किया जाता है, तो पॉलिसीधारक को निवेश मूल्य मिलता है।
निवेश मूल्य क्या है?
पॉलिसी में सरेंडर करने पर, बीमित व्यक्ति को नुकसान होता है। लेकिन यदि बीमित व्यक्ति लगातार 3 वर्षों तक प्रीमियम का भुगतान करता है, तो उसे निवेश मूल्य प्राप्त होता है।
यदि आप पहले वर्ष में पॉलिसी रद्द करते हैं, तो आपको कोई धनवापसी नहीं मिलेगी। अगर बाकी दो साल में पॉलिसी बंद हो जाती है तो एलआईसी के नियमों के मुताबिक 30 फीसदी रकम का भुगतान किया जाएगा।
पॉलिसी को बंद करना बहुत आसान है
यदि पॉलिसीधारक जीवन बीमा योजना को बंद करना चाहता है, तो प्रक्रिया सरल है। पॉलिसीधारक व्यक्ति को एलआईसी सरेंडर फॉर्म और एनईएफटी फॉर्म भरना होगा।
इस आवेदन के साथ पॉलिसीधारक को पैन कार्ड की कॉपी और पॉलिसी के मूल दस्तावेज संलग्न करने होंगे। इसके साथ ही आपको कारण बताना होगा कि आप पॉलिसी को बंद क्यों करना चाहते हैं।
इन आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न करें
- मूल पॉलिसी बांड दस्तावेज़
- एलआईसी पॉलिसी सरेंडर फॉर्म नंबर 5074 एलआईसी की वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड करें
- बैंक खाता विवरण प्रदान करें
- एलआईसी का 4 एनईएफटी फॉर्म (यदि आप सरेंडर फॉर्म का उपयोग नहीं कर रहे हैं)
- आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पैन कार्ड की सही कॉपी