ITR Filing After Death : क्या किसी की मृत्यु के बाद भी ITR फाइल करना जरूरी है? अगर हां, तो जानिए कौन और कैसे भरेगा ?

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ITR Filing After Death

ITR Filing After Death: आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख (ITR Filing Last Date) नजदीक आ रही है। अगर आप 31 जुलाई तक आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

कई बार लोगों के मन में यह सवाल आता है कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो क्या आईटीआर (ITR Filing of a Dead Person) भी दाखिल करना जरूरी है या नहीं?

इसका जवाब यह है कि मृत व्यक्ति का आईटीआर फाइल करना भी जरूरी है। अब सवाल यह है कि मृत्यु के बाद किसी व्यक्ति का आईटीआर कौन दाखिल करेगा और इसकी प्रक्रिया क्या होगी।

पहले कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकृत होना चाहिए

मृत व्यक्ति का आईटीआर फाइल करने के लिए सबसे पहले उसके किसी रिश्तेदार को कानूनी उत्तराधिकारी (Approval of The Legal Heir) की मंजूरी लेनी होती है। इसके लिए आप कोर्ट की मदद ले सकते हैं।

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न्यायालय की ओर से व्यक्ति के करीबी सदस्यों जैसे पति-पत्नी या पुत्र-पुत्री या किसी अन्य को कानूनी वारिस बनाया जाता है। कानूनी उत्तराधिकारी की मान्यता स्थानीय नगर निगम से भी प्राप्त की जा सकती है।

आयकर विभाग के साथ खुद को कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में पंजीकृत करें

आपको सबसे पहले आयकर विभाग (Income Tax Department) की वेबसाइट पर जाकर कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में अपना पंजीकरण कराना होगा।

इसके लिए आपको न्यायालय या नगर निगम से प्राप्त कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र की एक प्रति की आवश्यकता होगी।

इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट https://www.incometax.gov.in/ पर जाकर आपको ‘माई अकाउंट’ के जरिए ‘रजिस्टर ऐज लीगल वारिस’ पर क्लिक करना होगा।

उसके बाद खुद को लीगल वारिस के तौर पर रजिस्टर करने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके बाद कुछ ही दिनों में आपको आयकर विभाग की ओर से एक नोटिफिकेशन भेजा जाएगा कि आप कानूनी वारिस के तौर पर रजिस्टर्ड हैं या नहीं।

ध्यान रखें ये बातें

मृत व्यक्ति का आईटीआर भी उसी तरह भरा जाएगा जैसे आप अपना आईटीआर भरते हैं। कानूनी वारिस बनने के बाद आप मृत व्यक्ति के खाते में लॉग इन कर सकेंगे।

हालांकि आईटीआर फाइल करने के बाद टैक्स डिपार्टमेंट उस अकाउंट को हमेशा के लिए बंद कर देगा। पूरी प्रक्रिया में, आपके पास मृत व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र, उसका पैन कार्ड और आधार कार्ड, आपका पैन कार्ड और आधार कार्ड के साथ-साथ आपको कानूनी उत्तराधिकारी होने का प्रमाण होना चाहिए।

इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बाद मृतक के खाते में ही रिफंड आएगा। उस बैंक खाते से पैसे निकालने और उसे बंद करने के लिए आपको उनके बैंक से संपर्क करना होगा।

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